Yoga (2)

Yoga Training Camp on the occasion of Yoga Day

सिरसा, 16 मई 2022: जेसीडी विद्यापीठ में स्थित जेसीडी मेमोरियल कॉलेज में मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स, NSS रीजनल डायरेक्टर और सीडीएलयू से एनएसएस कोऑर्डिनेटर के आदेशानुसार एनएसएस, वाईआरसी, और एनसीसी के तत्वाधान में एक योगा ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया। जिसमे NSS, YRC और NCC के स्वयं सेवकों के अलावा अन्य विद्यार्थियों और स्टाफ सदस्यों ने भी भाग लिया।

जेसीडी मेमोरियल कॉलेज की प्राचार्य डॉ शिखा गोयल के निर्देशन में स्पोर्ट्स ऑफिसर अमरीक गिल, एन एस एस कार्यक्रम अधिकारी श्री पप्पल राम के द्वारा इस योगा ट्रेनिंग कैंप का आयोजन जेसीडी मेंमोरियल कॉलेज के सेमिनार हॉल में किया गया। जिसमें विद्यार्थियों को कई तरह के योगा आसन प्रैक्टिकल करके दिखाए गए व विद्यार्थियों ने भी कई योग आसनों में अपनी निपुणता का प्रदर्शन किया। इस दौरान इंस्ट्रक्टर और योगा टीचर की भूमिका श्रीमती कविता ने निभाई वही जेसीडी मेमोरियल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. शिखा गोयल समेत कॉलेज के अन्य स्टाफ सदस्यों कुमारी पूजा, श्रीमती सीमा आदि ने भी इस योगा ट्रेनिंग सेशन में हिस्सा लिया।

इस दौरान जेसीडी मेमोरियल कॉलेज की प्राचार्या डॉ शिखा गोयल ने कहा कि योग – अभ्यास का एक प्राचीन रूप है जो भारतीय समाज में हजारों साल पहले विकसित हुआ था और उसके बाद से लगातार इसका अभ्यास किया जा रहा है। इसमें किसी व्यक्ति को सेहतमंद रहने के लिए और विभिन्न प्रकार के रोगों और अक्षमताओं से छुटकारा पाने के लिए कई प्रकार के व्यायाम शामिल हैं जिनके नियमित अभ्यास से हर प्रकार की बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। वही आने वाले योगा दिवस की तैयारियों को लेकर उन्होंने कहा कि जेसीडी मेमोरियल कॉलेज के विद्यार्थियों और स्टाफ सदस्य योगा दिवस के लिए हर प्रकार से तैयार हैं।

इस मौके पर जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉक्टर शमीम शर्मा ने कहा कि योग एक चमत्कार है और अगर इसे हर रोज किया जाए तो यह आपके पूरे जीवन की दिशा बदला देगा । प्रति दिन 20-30 मिनट योग आपके शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के बीच संतुलन को ठीक करके आपके जीवन को हमेशा के लिए बदल सकता है। उन्होंने कहा कि सिंधु-सरस्वती सभ्यता के जीवाश्म अवशेष प्राचीन भारत में योग की मौजूदगी का प्रमाण हैं। इस उपस्थिति का लोक परंपराओं में उल्लेख है। महर्षि पतंजलि को आधुनिक योग के पिता के रूप में जाना जाता है। हालाँकि उन्होंने योग का आविष्कार नहीं किया क्योंकि यह पहले से ही विभिन्न रूपों में था। उन्होंने इसे प्रणाली में आत्मसात कर दिया। आज जो योग का वैश्विक रूप है वह हम सब देख ही रहे हैं। उन्होंने आवाहन किया कि ज्यादा से ज्यादा युवा योग की तरफ मुड़े जिससे खुद भी शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होंगे और देश को भी मजबूत बनाएंगे।