Special signature drive to spread the ideals of the Indian Constitution
*जेसीडी मेमोरियल कॉलेज में संविधान के आदर्शों के प्रसार हेतु विशेष हस्ताक्षर अभियान का आयोजन*
सिरसा, 15 दिसंबर 2022 हरियाणा स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी, डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी और डिस्ट्रिक्ट हायर एजुकेशन ऑफिसर, सिरसा के निर्देशानुसार संविधान की प्रस्तावना, मूलभूत अधिकार और कर्तव्यों जानकारी के प्रचार प्रसार हेतु संविधान दिवस पर शुरू हुए विदेश हस्ताक्षर अभियान के तहत जेसीडी मेमोरियल कॉलेज में एनएसएस, वाईआरसी और एनसीसी के तत्वाधान में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया एवं विद्यार्थियों को संविधान की प्रस्तावना, मूलभूत अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी दी गई।12 दिसंबर से 14 दिसंबर तक चलाए गए इस विशेष हस्ताक्षर अभियान के अंतिम दिन विद्यार्थियों को संविधान की प्रस्तावना पढ़कर सुनाई गई एवं कॉलेज की प्राचार्या डॉ शिखा गोयल की तरफ से विद्यार्थियों को मूलभूत अधिकारों और कर्तव्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस दौरान विद्यार्थियों ने एनएसएस इंचार्ज श्री पप्पल राम के नेतृत्व में प्रस्तावना को पढ़कर देश और संविधान के प्रति अपने कर्तव्यों के निर्वहन का संकल्प लिया। इस मौके पर स्पोर्ट्स ऑफिसर डॉक्टर अमरीक गिल, श्री मलकीत सिंह समेत अन्य स्टाफ सदस्य भी मौजूद रहे।
इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक व जाने माने शिक्षाविद डॉक्टर कुलदीप सिंह ढींडसा ने विद्यार्थियों को संविधान की मूल भावना को आत्मसात करने का संदेश दिया और कहा कि संविधान में निहित एकता, समानता, स्वतंत्रता के सिद्धांतों का हर हाल में पालन करते हुए देश को नई बुलंदियों तक पहुंचाना हर विद्यार्थी का कर्तव्य होना चाहिए। वहीं जेसीडी मेमोरियल कॉलेज की प्राचार्या डॉ शिखा गोयल ने विद्यार्थियों को संविधान की प्रस्तावना, आदर्श और संविधान के तत्वज्ञान की जानकारी देते हुए कहा कि हमें हमेशा संविधान में दिखाए गए रास्ते पर ही चलना चाहिए और धर्म, जाति और आर्थिक भेदभाव से मुक्त होकर समानता की भावना का प्रसार करना चाहिए ताकि हर वर्ग का नागरिक अपनी योग्यता द्वारा देश व समाज का भला कर सके।
इस तीन दिवसीय हस्ताक्षर अभियान में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों ने संविधान के आदर्शों व प्रस्तावना को ध्यानपूर्वक पढ़ा और हमेशा अपने जीवन में संविधान के अनुरूप कार्य करने व देश में व्याप्त सामाजिक व आर्थिक भेदभाव से ऊपर उठकर चलने का प्रण लिया।