G20 University Connect Programme

विकसित राष्ट्र के निर्माण के लिए युवाओं को और ज्यादा मेहनत करने की है जरूरत : प्रोफेसर ढींडसा
जेसीडी मेमोरियल कॉलेज में लाईव दिखाया गया जी-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट कार्यक्रम*

सिरसा, 01 अक्टूबर,2023: जेसीडी मेमोरियल कॉलेज में जी-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट का समापन समारोह प्राध्यापकों और विद्यार्थियों को लाइव दिखाया गया। इस दौरान जेसीडी मैमोरियल कॉलेज में विशेष तौर पर प्रोजेक्टर के माध्यम से लाइव दिखाए जाने की व्यवस्था की गई थी और इस दौरान हुई चर्चा और पीएम मोदी के संबोधन से सभी को काफी कुछ नया जानने को मिला। इस दौरान प्राचार्या डॉ. शिखा गोयल और सभी विभागों के विभागाध्यक्ष भी मौजूद रहे। इस प्रोग्राम में एक लाख से अधिक स्टूडेंट्स जुड़े और इसमें 101 यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने भाग लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी 20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट के समापन समारोह को संबोधित करते हुए जी-20 शिखर सम्मलेन का जिक्र किया और कहा कि इस सम्मेलन में कुछ ऐसे फैसले लिए गए जो 21वीं सदी की पूरी दिशा को ही बदलने की क्षमता रखते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर जी-20 से जुड़ी चार पुस्तकों का विमोचन भी किया।

इस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉ.कुलदीप सिंह ढींडसा ने कहा कि आने वाले 25 साल बहुत की महत्वपूर्ण हैं और युवाओं को दिन रात मेहनत करने की जरूरत है तब जाकर हम एक विकसित राष्ट्र का निर्माण कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि युवाओं को इनोवेशन की तरफ ध्यान देना चाहिए और ऐसे नवाचार सामने लाने चाहिएं जिससे लोगों का जीवन सुगम हो। उन्होने कहा कि आज जितने भी स्टार्टप विकसित हुए हैं वो लोगों के जीवन स्तर में बदलाव लाने के उद्देश्य से आस्तित्व में आए थे और उसके परिणाम स्वरूप आज हम देख सकते हैं कि बहुत से युवा अब स्टार्टअप्स के क्षेत्र में कामयाब हो चुके हैं।उन्होंने कहा कि जब हम एक उद्देश्य लेकर चलते हैं तो हमें पहले से ज्यादा फोकस और मेहनत की जरूरत होती है और अगर हमें 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनना है तो युवाओं को दिन रात मेहनत करनी होगी।

वहीं प्राचार्या डॉ. शिखा गोयल ने कहा कि जी20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट पहल भारत के युवाओं के बीच भारत की जी20 प्रेसीडेंसी की समझ बनाने और विभिन्न जी20 आयोजनों में उनकी भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। जी-20 सदस्य देश विशेष रुप से विज्ञान और तकनीकी शिक्षा को महत्वपूर्ण मानते हैं और इसे प्रोत्साहित करते हैं। यह उनके युवाओं को नवाचारिक और तकनीकी क्षेत्रों में अधिक रूप से शिक्षा देने का मौका देता है, जिससे वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सशक्त हो सकते हैं। वहीं अगर इस संदर्भ में भारत की बात की जाए तो जी-20 देश शिक्षा के क्षेत्र में अपने अनुभवों और संसाधनों को समय-समय पर साझा करते हैं जिससे देश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। इसके अलावा इससे शिक्षा प्रौद्योगिकी में नवाचार और नई तकनीकों का विकास होगा जिससे शिक्षा प्रणालियों को मॉडर्न और अद्वितीय बनाने में मदद मिलेगी।

प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने इस संबोधन को सुना और सभी प्राध्यापकों को विद्यार्थियों के साथ क्लास में जी-20 पर चर्चा के लिए दिशा निर्देश भी दिए गए। इस दौरान प्राध्यापकों ने भी जी-20 के नतीजों को लेकर आपस में विचार विमर्श किय।

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