Competitions on the occasion of ‘Mother’s Day’ and ‘World Red Cross Day’
*जेसीडी मेमोरियल कॉलेज में ‘मदर्स डे’ और ‘वर्ल्ड रेड क्रॉस डे’ के मौके पर करवाई गई कई प्रतियोगिताएं*
सिरसा , 10 मई 2022,जेसीडी विद्यापीठ स्थित जेसीडी मेमोरियल कॉलेज में मदर डे और रेड क्रॉस डे के उपलक्ष में एनएसएस वाईआरसी और वुमन सेल के तत्वधान में एक विशेष प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया, जिसमे विद्यार्थियों ने अलग-अलग विधाओं में अलग-अलग विषयों पर अपनी कला का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जेसीडी मेमोरियल कॉलेज की प्राचार्य डॉ शिखा गोयल ने की व संयोजक श्रीमती कांता रोहिल्ला, श्रीमती चारु, श्रीमती नीरू व डॉक्टर अनिल शर्मा रहे।
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इस कार्यक्रम में तीन तरह के इवेंट करवाए गए जिसमें पहला इवेंट पोस्टर मेकिंग का रहा इसमें विद्यार्थियों ने दो विषयों पर पोस्टर बनाए पहला विषय रोल ऑफ मदर दूसरा विषय वैल्यू ऑफ ब्लड डोनेशन था इसी तरह स्पीच कंपटीशन में रोल ऑफ यूथ इन सोसाइटी और प्रॉब्लम्स ऑफ वर्किंग मदर विषय पर व्याख्यान दिए गए वही सिंगिंग में मां के विषय में और समाज के लिए प्रेरणादायक गीतों को शामिल किया गया। इस कार्यक्रम में निर्णायक मंडल की भूमिका श्रीमती किरण, श्रीमती चारु, श्रीमती इकवंत, डॉक्टर अनिल शर्मा, श्री अंतरिक्ष शर्मा व श्री तुषार जोशी ने निभाई। तीनों ही विधाओं में प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।इस कार्यक्रम में सभी विभागों के विभागाध्यक्ष और विद्यार्थियों ने भाग लिया और अलग-अलग कलाओं का आनंद लिया।
इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेसीडी मेमोरियल कॉलेज की प्राचार्य डॉ शिखा गोयल ने मदर्स डे और वर्ल्ड रेड क्रॉस डे पर अपने विचार रखे। डॉक्टर शिखा गोयल ने कहा कि हमारे प्रतिदिन के जीवन में माँ के योगदान को विशिष्ट रुप से दर्शाने के लिये विभिन्न देशों में अलग-अलग दिनों में मातृ-दिवस को मनाया जाता है। एक बच्चे को जन्म देने से लेकर उसे एक अच्छा इंसान बनाने तक सभी पड़ावों में माँ अपने बच्चों के जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाती है हम अपने जीवन या उनके द्वारा सुबह से रात तक किए गए उनके अनगिनत योगदानों को भी नहीं गिन सकते। लेकिन हम एक कामयाब इंसान बनकर अपनी मां के ऋण को चुका सकते हैं क्योंकि हर मां अपने बच्चे को एक दिन कामयाब होते हुए देखना चाहती है उन्होंने रेड क्रास डे पर सभी को रक्तदान के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि रक्त को किसी भी तकनीक से विकसित नहीं किया जा सकता इसलिए रक्त का विकल्प सिर्फ इंसान का रक्त ही है महामारी और आपदा के अलावा भी हर रोज काफी मात्रा में रक्त की जरूरत देश को पड़ती है ऐसे में हमारा फर्ज बनता है कि अगर स्वस्थ है तो रक्तदान जरूर करें और रेड क्रॉस की मुहिम में भागीदार बने।
विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉक्टर शमीम शर्मा ने इस मौके पर अपना संदेश देते हुए कहा कि
मां को भगवान का दर्जा यूं ही नहीं दिया गया है। इस रिश्ते में बहुत कुछ खास होता है जिसे दुनियां की कोई ताकत नकार नहीं सकती हैं। उन्होंने कई उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे बहुत से मौके आए हैं जब हमने देखा है कि मां अपने बच्चों के लिए बहुत से असाधारण काम कर जाती है जो किसी और के बस के नहीं होते। इतिहास में जितने भी महान व्यक्तित्व हुए हैं उनको तराशने और निखारने के पीछे उनकी मां का सबसे बड़ा योगदान रहा है किसी की भी कामयाबी के पीछे उसकी मां का तप और त्याग सबसे बड़ा रोल अदा करता है लेकिन मां कभी भी किसी कामयाबी का क्रेडिट नहीं चाहती। उन्होंने वर्ल्ड रेड क्रॉस डे के मौके पर कहा कि दुनिया भर में आई अनेकों आपदाओं महामारीयों के दौर में रेड क्रॉस की भूमिका सराहनीय रही है खून दान को लेकर जो जागरूकता आज हम देख रहे हैं उस जागरूकता को लाने में रेडक्रॉस सोसायटी का बहुत बड़ा योगदान रहा है ।