Seminar organized on the topic ‘The horrors of war and the present scenario’
जेसीडी मैमोरियल कॉलेज में ‘युद्ध की विभीषिका व वर्तमान परिदृश्य’ विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन
सिरसा,11 मार्च 2022: जेसीडी विद्यापीठ स्थित जेसीडी मेमोरियल कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना व यूथ रेड क्रॉस के संयुक्त तत्वाधान में‘युद्ध की विभीषिका व वर्तमान परिदृश्य’ विषय पर कॉलेज प्राचार्य डॉ शिखा गोयल के निर्देशन में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया। सभी स्टाफ सदस्यों को संबोधित करते हुए डॉ शिखा गोयल ने बताया की आज जो रूस व यूक्रेन के बीच में युद्ध की स्थिति है वह ना केवल इन दोनों देशों के लिए वरन सभी देशों के लिए बहुत ही चिंता का विषय है क्योंकि इस तरह के युद्धों के राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक , मानसिक व हर प्रकार के दुष्प्रभाव होते हैं।उन्होंने कहा कि एक युद्ध ग्रस्त देश से विस्थापित होना जितना पीड़ादायक रहता है उससे कहीं ज्यादा पीड़ादायक किसी दूसरे देश में जाकर शरणार्थी की ज़िंदगी जीना होता है।उन्होंने कई देशों के उदाहरण देते हुए कहा कि बाहर के युद्ध को रोकने के लिए मन के अंदर के युद्ध को शांत किया जाना जरूरी है ताकि विनाश्कारी विचार मन में न आए।
इस दौरान सभी विभागों के प्राध्यापकों ने अपने विचार रखे और भारत समेत पूरी दुनिया पर पड़ने वाले युद्ध के दुष्प्रभावों के बारे में चर्चा की। वहीं कॉमर्स विभाग से प्राध्यापक महावीर ने बताया कि भारत में भी कुछ दिनों में इसका व्यापक असर देखने को मिल सकता है क्योंकि भारत क्रूड ऑयल के लिए विदेशों पर निर्भर है और महंगा क्रूड ऑयल खरीदने के चलते यहां पर पेट्रोल डीजल के रेटों में इजाफा हो सकता है जिस कारण प्रोडक्शन और ट्रांसपोर्टेशन महंगी हो जाएगी और कई महीनों तक महंगाई झेलनी पड़ सकती है।
इस दौरान प्राध्यापकों ने यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि के बारे में चर्चा करते हुए इस युद्ध को इतिहास की घटनाओं से जोड़कर समझाने की कोशिश की। कॉलेज के आर्ट्स विभाग की तरफ से प्राध्यापक पप्पल राम ने यूक्रेन रूस के बीच विवाद के कारण और उसके ऐतिहासिक परिपेक्ष का हवाला देते हुए मौजूदा विवाद का हल किस तरह निकाल सकता है इस पर अपने विचार रखे
वहीं जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉ. शमीम शर्मा ने सभी स्टॉफ सदस्यों और विद्यार्थियों को संदेश देते हुए कहा कि युद्ध कहीं भी हो रोका जाना चाहिए और युद्ध का हमेशा विरोध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि युद्ध में जीत हार किसी भी देश की हो लेकिन दोनों देशों की जनता हमेशा हारती है। क्योंकि युद्ध में नुकसान हमेशा दोनों पक्षों का होता है जिसकी भरपाई आने वाली नस्लों को करनी पड़ती है।उन्होने कहा कि सभी देशों को मिल कर प्रयास करना चाहिए कि रुस-यूक्रेन के बीच युद्ध जल्द से जल्द खत्म हो और मानवता का और ज्यादा नुकसान न हो।इस दौरान आर्ट्स विभाग की एचओडी किरन बाला, कॉमर्स विभाग की एचओडी डॉ. अनीता मक्कड़ समेत सभी विभागों के एचओडी व स्टॉफ सदस्यों ने गोष्ठी में भाग लिया अपने विचार रखे।