faculty development (2)

Activities on the fourth day of Faculty Development Program

जेसीडी मेमोरियल कॉलेज में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के चौथे दिन कई गतिविधियों का आयोजन*

सिरसा,3, मई 2022:जेसीडी विद्यापीठ में स्थित जेसीडी मेमोरियल कॉलेज में शैक्षणिक और एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ की क्षमताओं के विकास के लिए जारी 7 दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के दौरान प्राचार्य डॉ शिखा गोयल के निर्देशन व संयोजक कांता रोहिल्ला, श्रीमती नीरजा व अन्य स्टाफ सदस्यों के सहयोग से 4 दिन से लगातार अलग-अलग तरह की गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।आज भी विशेषज्ञों द्वारा स्टाफ का मार्गदर्शन किया गया वहीं आज के इस कार्यक्रम में समाज सेविका अंजू डूमरा भी विशेष रूप से मौजूद रहीं।

मुख्य वक्ता के रूप में पर्सनैलिटी डेवलपमेंट एक्सपर्ट कायनाज डूमरा शामिल हुईं जिन्होंने पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के बारे में कई गहन विषयों पर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि सकारात्मकता, अच्छे विचार हमारी पर्सनैलिटी में वृद्धि करते हैं और हमारे अंदर से निकलने वाली सकारात्मक ऊर्जा दूसरों को भी प्रभावित करती है। उन्होंने टाइम मैनेजमेंट और नई चीजें सीखने पर जोर दिया और कहा कि दिन के 24 घंटों का सही प्रयोग करके कोई भी कामयाबी हासिल की जा सकती है। इस दौरान उन्होंने स्टाफ सदस्यों के साथ बातचीत भी की और उनकी शिक्षण संबंधी समस्याओं का निराकरण भी किया।

इस दौरान शाह सतनाम मेमोरियल कॉलेज की इंग्लिश विभाग की एचओडी डॉ मोनिका ने भी गोल ओरिएंटेड थॉट प्रोसेस के ऊपर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह होता है कि हम अपने फैसले कैसे लेते हैं और कैसे उन फैसलों पर काम करते हैं डॉ मोनिका ने बताया कि कंफर्ट जोन हम को आगे नहीं बढ़ने देता, हमें हमेशा ही अपने अनुकूल माहौल से बाहर निकलकर कुछ कड़े फैसले लेने होते हैं जो हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं।

इस मौके पर जेसीडी मेमोरियल कॉलेज की प्राचार्या डॉ शिखा गोयल ने बताया कि इन 4 दिनों में स्टाफ ने बहुत कुछ नया सीखा है और अपनी क्षमताओं से आगे बढ़कर कैसे काम किया जा सकता है इसके लिए प्रैक्टिकल वर्क शॉप भी करवाए गए हैं और आने वाले 2 दिन और भी ज्यादा ज्ञानवर्धक होने वाले हैं, डॉक्टर शिखा ने कहा कि अपनी क्षमताओं, योग्यताओं और ज्ञान का विकास करना, उन्हें आकार देना और उसमें सुधार करना एक जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया है इस प्रक्रिया को कहीं भी पूर्ण या खत्म नहीं माना जा सकता बल्कि समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करके अपना मूल्यांकन भी किया जा सकता है और अपनी कमियों को दूर भी किया जा सकता है।

जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉक्टर शमीम शर्मा ने कहा कि क्षमताओं और योग्यताओं के विकास पर जितना ध्यान पहले कॉरपोरेट वर्ल्ड में दिया जाता था उतना ही ध्यान एजुकेशनल फील्ड में भी दिया जाने लगा है विशेष तौर पर कोरोना महामारी के बाद से शिक्षा का क्षेत्र बदलाव के दौर से गुजर रहा है, जितने संसाधन बढ़े हैं उतनी ही चुनौतियां भी बढ़ रही हैं ऐसे में फैकल्टी के लिए ऐसे डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाए जाना और भी जरूरी हो जाता है।