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JCD College of Education and Memorial college about First Aids Training
**जेसीडी पीजी कॉलेज ऑफ एजुकेशन और मेमोरियल कॉलेज में प्राथमिक चिकित्सा शिविर का आयोजन**
**छोटी सी तकनीक जीवन और मृत्यु के बीच अंतर ला सकती है – डॉ. जय प्रकाश**
*सिरसा, 18 सितंबर 2024* :विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर, जेसीडी कालेज ऑफ एजुकेशन और जेसीडी मेमोरियल कॉलेज में फर्स्ट एड के महत्व पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक विशेष शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में एनएसएस, एनसीसी, वाईआरसी, और स्पोर्ट्स विभाग ने भाग लिया, और जिला रेड क्रॉस सोसाइटी के सहायक सचिव श्री गुरमीत सैनी मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लाल बहादुर बेनीवाल सेक्रेटरी रेड क्रॉस सिरसा थे तथा अध्यक्षता जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक डॉ जय प्रकाश द्वारा की गई।
जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक, डॉ. जय प्रकाश, ने इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए कहा, “आपातकालीन स्थिति में पेशेवर चिकित्सा सहायता मिलने तक किसी की जान बचाने में प्राथमिक चिकित्सा की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इस तरह की छोटी-छोटी जीवन रक्षक तकनीकें व्यक्ति के जीवन और मृत्यु के बीच अंतर ला सकती हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों का उद्देश्य प्रतिभागियों को ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार करना है, जो एक जिम्मेदार और सुरक्षित समाज के निर्माण में सहायक होते हैं। डॉ. जय प्रकाश ने कहा कि छोटी सी तकनीक जीवन और मृत्यु के बीच अंतर ला सकती है।
माननीय मुख्य अतिथि लाल बहादुर बेनीवाल ने अपने भाषण में कहा, “प्राथमिक चिकित्सा जीवन रक्षा का पहला कदम है। आपात स्थिति में सही जानकारी और त्वरित कार्यवाही किसी की जान बचा सकती है। ऐसे शिविर न केवल कौशल प्रदान करते हैं, बल्कि जिम्मेदारी और मानवता की भावना भी बढ़ाते हैं।”
असिस्टेंट सेक्रेटरी रेड क्रॉस गुरमीत सैनी ने कहा कि सीपीआर (हृदय पुनर्जीवन) की तकनीक पर भी विशेष जोर दिया गया, जो कि आपातकालीन स्थितियों में बेहद महत्वपूर्ण होती है। सीपीआर की विधि का अभ्यास करते हुए यह बताया गया कि यह तकनीक हृदय गति रुकने की स्थिति में जीवन बचाने में मदद कर सकती है, क्योंकि यह व्यक्ति के शरीर में रक्त परिसंचरण को बनाए रखने में सहायक होती है जब तक कि पेशेवर चिकित्सा सहायता नहीं मिल जाती।
जेसीडी मेमोरियल कॉलेज की प्राचार्या, डॉ. शिखा गोयल ने भी जिला रेड क्रॉस टीम का आभार व्यक्त किया और मानवता की सेवा के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा, “संकट के समय में हमारी मानवीयता की परीक्षा होती है। इसलिए, जब भी और जहां भी जरूरत हो, हमें मदद के लिए तत्पर रहना चाहिए।” उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण न केवल व्यावहारिक कौशल प्रदान करते हैं, बल्कि समुदाय और एकजुटता की भावना को भी मजबूत करते हैं।
इस शिविर ने न केवल प्राथमिक चिकित्सा के कौशल सिखाए, बल्कि विद्यार्थियों और स्टाफ में सामुदायिक जिम्मेदारी की भावना भी पैदा की। इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने सीखा कि संकट के समय में छोटी मदद भी किसी के जीवन में बड़ा अंतर ला सकती है।