Festival of Lohri celebrated at JCD Memorial College
जेसीडी मेमोरियल कॉलेज में मनाया गया लोहड़ी का पर्व
सिरसा,14 जनवरी 2022:जेसीडी विद्यापीठ स्थित जेसीडी मैमोरियल कॉलेज में कोरोना नियमों को ध्यान में रखते हुए लोहड़ी का पर्व मनाया गया।जिसमें जेसीडी मैमोरियल कॉलेज के स्टॉफ सदस्य व मुख्य अतिथि के तौर पर जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉक्टर शमीम शर्मा व विशिष्ट अतिथि के तौर पर डॉ. भारत भूषण प्रधान उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम के दौरान जेसीडी मैमोरियल कॉलेज के संगीत विभाग के एचओडी डॉ. अनिल शर्मा, अंतरिक्ष शर्मा की तरफ से गायन कार्यक्रम रखा गया था वहीं स्पोर्ट्स इंचार्ज डॉ. अमरीक गिल व श्रीमती किरण बाला ने आयोजन व संचालन की जिम्मेदारी निभाई। इस कार्यक्रम में कई प्राध्यापकों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दीं।वहीं अग्नि में तिल गुड़ डाल कर डॉ. शमीम शर्मा व सभी स्टॉफ सदस्यों ने देश व दुनियां के लिए आरोग्य की कामना की।इस संक्षिप्त कार्यक्रम में सोशल डिस्टैंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया व सरकार की गाईडलाईन के अनुसार ही सभी गतिविधियों को अंजाम दिया गया। कार्यक्रम के दौरान सभी स्टॉफ सदस्य उचित दूरी बनाकर बैठे व गायन का आनंद लिया।
अपने संबोधन के दौरान जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉक्टर शमीम शर्मा ने सबको बधाई दी व लोहड़ी के पर्व का महत्व बताते हुए कहा कि लोहड़ी का पर्व भारत की परंपराओं और सभ्यताओं का मिलाजुला रूप है. जहां इस त्यौहार को अलग-अलग राज्यों में लोककथाओं से जोड़ा जाता है वहीं इस त्यौहार पर धरती माता का सम्मान और प्रकृति की उदारता को नमन किया जाता है. डॉक्टर शमीम शर्मा ने कहा कि पुराने समय में लोहड़ी से कई दिन पहले ही लोग ‘लोहड़ी’ के लोकगीत गाकर लकड़ी और उपले इकट्ठे करते थे। फिर उसी से चौराहे या मुहल्ले के किसी खुले स्थान पर आग जलाई जाती थी। लेकिन आज वक्त ऐसा आ गया है कि सिर्फ इंटरनेट के माध्यम से ही संदेश भेजे जाते हैं, और कोरोना ने तो इस त्यौहार को और भी ज्यादा सीमित कर दिया। उन्होंने इस दौरान सबको कोरोना से बचाव के लिए सावधानी बरतने का भी संदेश दिया।
जेसीडी मैमोरियल कॉलेज की प्रचार्या डॉ. शिखा गोयल ने इस पावन पर्व पर अपने संदेश में सभी स्टॉफ सदस्यों व विद्यार्थियों के अच्छे स्वास्थ्य और उन्नति की कामना की।उन्होने कहा कि इस साल की शुरुआत में ही हमारा सामना महामारी से हुआ है लेकिन हमारी परंपराएं और त्यौहार हमें नकारात्मकता से निकलने का मौका देते हैं और हमें सकारात्मकता की और लेकर जाते हैं।