Extension Lecture by Dr. Ramesh Goyal
*जेसीडी मेमोरियल कॉलेज में जल स्टार रमेश गोयल ने दिया जल संरक्षण का संदेश*
*जेसीडी मेमोरियल कॉलेज में दिया गया जल संरक्षण का संदेश*
*घर से ही चलाएं जल संरक्षण की मुहिम: रमेश गोयल*
सिरसा,29 मार्च 2023: जेसीडी विद्यापीठ में स्थित जेसीडी मैमोरियल कॉलेज की एनएसएस यूनिट,एनसीसी,वाईआरसी और ईको क्लब के संयुक्त तत्वाधान में विश्व एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि और वक्ता के तौर पर जल स्टार श्री रमेश गोयल शामिल हुए और इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्या डॉ. शिखा गोयल ने की।इस दौरान जेसीडी मैमोरियल कॉलेज के सभागार में मौजूद सभी विद्यार्थियों को श्री रमेश गोयल और डॉ. शिखा गोयल की ओर से जल संरक्षण के अनेक पहलुओं से अवगत करवाया और उन्हें जल संरक्षण करने के लिए प्रेरित किया।
जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉ कुलदीप सिंह ढींडसा ने अपने संदेश में बताया कि प्राकृतिक स्रोतों के सतत उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए पानी का कुशलतापूर्वक उपयोग करने का अभ्यास ही जल संरक्षण है। आज दुनिया के कई हिस्सों में सूखा तेजी से आम होता जा रहा है। ऐसे में जल संरक्षण के द्वारा ही इस धरती को सूखाग्रस्त होने से बचाया जा सकता है क्योंकि जल एक ऐसा पदार्थ है जिसका निर्माण नहीं किया जा सकता। सिर्फ संरक्षित उपयोग के द्वारा ही इसे बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति यह सुनिश्चित करें कि वह अपनी निजी जरूरतों के लिए कम से कम जल का इस्तेमाल करेगा और ज्यादा से ज्यादा जल संरक्षित करेगा तो भयानक होती जा रही स्थितियों पर काबू पाया जा सकता है। वहीं इस विषय पर और कठोर नियम, कानून बनाए जाने की भी आवश्यकता है ताकि पानी का दुरुपयोग रोका जा सके।
अपने संबोधन में जल स्टार श्री रमेश गोयल ने विद्यार्थियों को पानी की मौजूदा खपत के चलते होने वाले संभावित नुकसान और खतरों के बारे में विस्तार से बताया और आंकड़ों के माध्यम से अपनी बात समझाते हुए जल संरक्षण पर ज़ोर दिया। उन्होंने कई रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए बताया कि साल 2040 तक 44 देशों में पानी की भारी किल्लत पैदा हो जाएगी और साल 2025 तक ही दुनिया के 2.8 अरब लोग पीने के पानी को तरस जाएंगे 2050 तक ये आंकड़ा 7 अरब तक पहुंच जाएगा। उन्होने दुनियां भर की अनेकों घटनाओं का हवाला देकर बताया कि पानी कितना मूल्यवान है और अभी हमे सुलभ होने की वजह से हम इसका महत्व नहीं समझ पा रहे हैं।उन्होंने कहा कि पानी को लेकर हर रोज सामने आ रहे ये दावे भयावह जरूर हैं लेकिन अगर पानी के गलत इस्तेमाल की रोकथाम सही तरीके से की जाए तो शायद भविष्य में हालात बदल भी सकते हैं उन्होंने कहा कि पानी को बचाने की मुहिम सबसे पहले खुद अपने घर से शुरू की जानी चाहिए उसके बाद दूसरों को भी इसके लिए प्रेरणा देनी चाहिए।
प्राचार्या डॉ. शिखा गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि देश के बहुत से एसे शहर हैं जहां पर पानी की सप्लाई बहुत सीमित है और कुछ जगहों पर अभी भी एक दिन छोड़ कर पानी मिल रहा है और हमारी राजधानी दिल्ली में भी गर्मी के कुछ दिनों में यही हालात होते हैं। अगर समय रहते हमने भी जल संरक्षण में व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास शुरु नहीं किए तो मौजूदा पीढ़ी पानी की भारी किल्लत से जूझने वाली है। उन्होने विद्यार्थियों को जल संरक्षण का संदेश देते हुए कहा कि पानी की किल्लत को लेकर भारत और विश्व भर की जो घटनाएं हम हर रोज सुन रहे हैं वो भविष्य में हमारे साथ भी घटित हो सकती हैं। डॉ. शिखा गोयल ने बताया कि कॉलेज से यह संदेश सिर्फ विश्व जल दिवस के एक दिन को सार्थक करने के लिए ही नहीं अपितु जीवन भर जल संरक्षण करने के लिए दिया जा रहा है।उन्होने बताया कि कॉलेज में भी इस बात पर हमेशा ज़ोर दिया जाता है कि हर काम के लिए कम से कम पानी का इस्तेमाल हो और हम जल संरक्षण में अपना योगदान दे पाएं।
इस दौरान डॉ अमरीक गिल, एनएसएस इंचार्ज श्री पप्पल राम, एनसीसी इंचार्ज श्री शैलेंद्र, श्रीमती कविता अग्रवाल, श्री कुलदीप सिंह, श्रीमती मधु, श्री संजय कुमार समेत सभी विद्यार्थी मौजूद रहे। सभी ने व्यक्तिगत तौर पर जल संरक्षण करने लोगों को जागरूक करने का प्रण लिया।